इतिहास तारागढ़ किला बूंदी के बारे में -Taragarh Fort Bundi History in Hindi
Taragarh Fort राजस्थान के बूंदी जिले की आरावली नागपहाडी की ऊंचाई पर स्थित है, यह किला Bundi Fort के नाम से भी जाना जाता है। तारागढ़ किला अभी भी राजस्थान के सबसे प्रभावशाली किलों में से एक है, यह बूंदी का एक विशाल किला है, तारागढ़ किले का निर्माण वर्ष 1356 में कुंवर अजयपाल चौहान ने करवाया था।
तारागढ़ किला 1426 फीट ऊंचे पर्वत शिखर पर बना है।
जिस के कारण धरती से आसमान के तारे साफ दिखाई देने के कारण यह किला तारागढ़ के नाम से प्रसिद्ध है। Taragarh Fort में प्रवेश करने के 3 द्वार है :- लक्ष्मी पोल , फूटा दरवाजा, गागुड़ी का फाटक, के नाम से जाना जाता है। महल के द्वार पे हाथी पूल पर बने विशाल हाथियों की जोड़ी है,
इस किले के भीतर बने महल अपनी शिप कला एवम दीवारों पे बने चित्रण के लिए लोग प्रिये है।मेवाड़ के महाराणा लाखा ने भी इस किले को हासिल करने का अधिक प्रयास किया फिर भी बूंदी हासिल नहीं कर पाए, इस किले में युद्ध तो बहुत कम हुए है।
और इसे पाने की लालसा भी बहुत कम लोगो ने की थी, इसका मुख़्य कारण है। यह किला इतनी ऊंचाई पर बनाया गया है की इसको जीतपाना असंभव था। यह किला बहुत अधिक सुरक्षित होने के साथ बहुत मजबूत भी है।
इस किले में तमाम सुन्दर महल है एवम अपने निर्माताओं के नाम से प्रसिद्ध है। Taragarh Fort में छत्र महल, अनिरुद महल, रतन महल, बादल महल, और फूल महल बहुत खूबसूरत है। महाराव उम्मेद सिंह के शासन काल में निर्मित चित्रशाला ( रंग विलास ) बूंदी चित्र शैली का सही उदाहरण प्रस्तुत करती है।
बूंदी के तारागढ़ रियासत की अनसुनी कहानी - Mystry of Bundi Taragarh Fort
हाडा वंश की बूंदी रियासत को आखिर क्यों सती का श्राप लगा और आज भी बूंदी क्यों सती के श्राप से ग्रसित है, आइये इसकी पूरी कहानी हम जानते है।
राजस्थान की बूंदी रियासत इस रियासत में स्थित तारागढ़ की चमक बूंदी शहर की खूबसूरती में चार चाँद लगाती है, बारिश के मौसम में यह शहर काफी खूबसूरत लगता है।
लेकिन यह खूबसूरत सा नज़र आने वाला यह शहर एक ऐसे श्राप से ग्रसित है, जिसके असर से यहां के निवासी आज तक उभर नहीं पाए है, इस रियासत को किसने श्राप दिया और क्यों इस के पीछे एक प्राचीन कहानी प्रचलित है।
जो आज भी यहां के बड़े बुजुर्गो को जुबानी याद है। ऐसा मना जाता है, बूंदी में कही सालो तक हाडा वंश के शासको ने ही राज किया कहा जाता है, जब बूंदी पे राजा उमेद सींग हाडा का साम्राज्य था। तब इस रियासत के दीवान मोहन जी दा भाई हुआ करते थे।
बताया जाता है की एक बार राजा उमेद सींग दिल्ली आये तब उन्हें वृत्तये संकट का सामना करना पड़गया उस बीच, उन्होंने बूंदी में अपने दीवान के पास एक संदेशा भिजवाया की उन्हें कुछ मुद्राएं और मोहोरे तत्काल प्रभाव से दिल्ली भेजदीजाये दीवान को अपने राजा का संदेशा मिल गया।
और उन्होंने इसका पालन भी किया लेकिन दीवान को डर था, की कही रास्ते में कोई इन मुद्राओ को लूट ना ले और इसी डर की वजह से दीवान से मुद्राओ को लकड़ी के बांस के अंदर सोने चांदी के सिक्के भरे और बांस को चारों और से बंद कर दिया।
और बेल गाड़ी पे लाद के दिल्ली की और रवाना कर दिया, लेकिन जब यह सोने चांदी के सिक्कों से भरी गाड़ी राजा को मिली तब राजा को बहुत गुस्सा आया, की मेने तो मुद्राएं मँगवाई थी, यह लकड़ी के बांस क्यों भिजवा दिए। इसके बाद राजा के आदेश पे दीवान को शूली पर लटका दिया गया ।
लेकिन जब राजा को सच्चाई का पता चला तब राजा को बहुत अफ़सोस हुआ लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। सती होने से पहले दीवान की दोनों पत्नियों ने बूंदी को यह श्राप दिया की यहां ईमानदार लोग हमेशा परेशान रहेंगे जबकि बेईमान लोग हमेशा खूब फूलेंगे फलेंगे।
एक गलत फेमि में आके राजा ने उसके दीवान की जान लेली।
और दीवान की दोनों पत्नियां उनकी चिता के साथ सती हो गई लेकिन उस वक्त सती होने से पहले उन्होंने बूंदी को जो श्राप दिया था। उसका असर आज भी यहां देखने को मिलता है। यह थी बूंदी के तारागढ़ रियासत की अनसुनी कहानी।
तारागढ़ किला बूंदी क्यों मशहूर है - Why Taragarh Fort Bundi Famous
- चित्रशाला के लिए मशहूर है।
- इतिहास के लिए मशहूर है।
- Bundi के 360 दृश्य के लिए मशहूर है।
- प्रकृति के लिए मशहूर है।
- रॉयल्टी के लिए मशहूर है।
- फोटोग्राफी के लिए मशहूर है।
यहां घूमने का सही समय - Best time to visit Taragarh Fort Bundi Rajasthan in Hindi
Bundi Fort घूमने का सही समय है अक्टूबर से मार्च के बीच में आप कभी भी इस सुन्दर किले का मजा ले सकते हो।
क्योकि यहां पे गर्मियों के समय तापमान बहुत तेज होता है और यह तापमान 40 से 48 डिग्री तक चला जाता है। जिसके कारण से आपके घूमने का मजा खराब हो सकता है।
इसलिए आप यहां पे या तो बारिश या फिर सर्दियों के समय आये। इस किले के लिए यह भी कहा जाता की बारिश के समय इस किले के दृश्य कश्मीर से कम नहीं लगते।
तारागढ़ किला बूंदी घूमने में कुल कितना समय लगेगा - Taragarh Fort Bundi Tour Duration
इस किले को पूरा घूमने में आपको 3 से 4 घंटे का समय लग सकता है।
नोट :- भीम बुर्ज और शिव मन्दिर यह दो जगह आपको जरूर से जाना है यहां जाने लिए आपको 1 घंटे की चढ़ाई करनी पड़ेगी लेकिन यहां के दृश्य देख के आपकी आंखे खुली की खुली रहेजाएगी और दिल से बस एक आवाज आएगी की क्या बात है दिन बन गया आज का तो।
तारागढ़ किला बूंदी के अन्दर जाने का समय - Bundi Fort Timings
यह किला पर्यटकों के लिए पुरे हफ्ते खुआ रहता है और इसका समय है सुबह 09:00 से शाम 5:30 बजे तक।
नोट :- भीम बुर्ज और शिव मन्दिर जाने के लिए आपको किले में 2 बजे से पहले आपको प्रवेश करना होगा अगर आप लेट होते हो तो आप इस किले के सबसे खूबसूरत दृश्य को आप मिस कर दोगे मेरे साथ एक बार ऐसा हो चूका है।
मैने किले के अंदर 3 बजे के बाद प्रवेश किया तो में भी भीम बुर्ज और शिव मन्दिर नहीं जा पाया था, इसलिए मुझे दुबारा से जाना पड़ा आपके साथ ऐसा ना हो इसलिए आपको समय से किले के अंदर प्रवेश करना है और पुरे किले का अनुभव करना है।
बूंदी किले के अन्दर जाने का कितना शुल्क है - Entry fee Bundi Fort in Hindi
- भारतीयों के लिए 80 रुपये शुल्क है।
कार पार्किंग का कितना शुल्क है - Car Parking Ticket
Taragarh Fort कार पार्किंग का शुल्क 30 रुपए है।
तारागढ़ किला बूंदी में क्या देखना नहीं भूलना - What Not to Miss at Bundi Fort
- चित्रशाला
- शिव मंदिर
- भीम बुर्ज
- तारागढ़ फोर्ट
- बदल महल
- रानी महल
- लक्ष्मी पोल
- कुटा दरवाजा
- गागुड़ी का फाटक
- रानी झूला
यहां तक कैसे पहुंचे - How to reach Bundi Fort in Hindi
Taragarh Fort कोटा शहर से 38.9 किलोमीटर की दूरी पर है और जयपुर शहर से इस किले की दूरी 213 किलोमीटर की है। पर वहा आसानी से पहुँचा जा सकता है।
आप Taragarh Fort Bundi तक पहुँचने के लिए बस, टैक्सी, ट्रैन की मदद से किले तक आसानी से पहुंच सकते हो।
तारागढ़ किला बूंदी में आप क्या क्या कर सकते है - Things to do in Bundi Fort
- ट्रैकिंग कर सकते हो।
- जंगल में घूमने का मज़ा ले सकते हो।
- चित्रशाला देख सकते हो।
- शिव मंदिर से बूंदी शहर के 360 दृश्य देख सकते हो।
- शिव मंदिर में आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ बैठ खूब सारी बाते कर सकते हो और प्रकृति के नज़रों का मज़ा उठा सकते हो।
यह कुछ खास चीज़ें साथ में रखना ना भूले - What to Carry
- पानी की बोतल साथ में रखना सबसे महत्वपूर्ण है क्योकि पुरे किले में कोई दुकान नहीं है।
- आरामदायक जूते पहनें (Sports Shoes )
- ढीले कपड़े पहनें अगर आप गर्मियों के समय यहां आते हो तो।
- एक अच्छा कैमरा भी साथ रखें यहां कैमरा आपके बहुत काम आने वाला है।
नोट :- जब आप तारागढ़ किले की और चढ़ाई शुरू करें तब खाने का कोई भी सामान अपने साथ में न रखें और एक छोटा डंडा भी अपने साथ रखें।
क्योकि यहां पे आपको बहुत बन्दर मिलेंगे इसलिए खाने का कोई सामान बिना देखे ना निकले । मेरे पास एक बर्गर किंग का मेरा मन पसंद बर्गर था।
जैसे ही मैने उसको खोला बन्दर बहुत आसानी से छीना के ले गया तो आप मेरे जैसी गलती मत करना।
एयरपोर्ट से तारागढ़ किला बूंदी की दूरी कितनी है - Distance from Jaipur International Airport in Hindi
बूंदी के सबसे पास जयपुर Airport है इसकी दूरी Taragarh Fort Bundi से 206.0 km है jaipur Airport से Bundi पहुंच ने में आपको 3 घंटे 20 मिनट का समय लग सकता है।
तारागढ़ किला बूंदी किस जगह पर है - Bundi Fort Location in Hindi
नाहर का चौहट्टा, बूंदी, राजस्थान 323001
अगर आप यहां आते हो तो Google Map आपको बूंदी के बाजार से होते हुए लेके जाएगा लेकिन यह रास्ता किले तक पहुंच ने के लिए इतना अच्छा नहीं होगा अगर आप टैक्सी या कार से आते हो तो किले तक पहुंच ने का एक बाय पास रास्ता भी है,
वो सीधा आपको किले तक लेके जाएगा। वो रास्ता है Phool Sagar वाला वहां के किसी भी लोकल से आपको यह पहुंच ना है की Bundi Fort जाने के लिए बाय पास रास्ता कोनसा है वो आपको बता देंगे वरना Google Map आपको बाजार में ही फसा देगा।
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