नारकंडा के बारे में पूरी जानकारी - Information About Narkanda Himachal Pradesh in Hindi?
Narkanda Himachal Pradesh में बसा हुआ एक छोटा और बहुत खूबसूरत गांव है। नारकंडा हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में स्थित है, जो औसतन 2621 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
नारकंडा गांव शिवालिक रेंज से घिरा हुआ है। यह शहर शिमला से 65 किमी दूर एनएच 22, ओल्ड हिंदुस्तान–तिब्बत रोड पर स्थित है। नारकंडा सर्दियों में स्कीइंग के लिए प्रसिद्ध है।
नारकंडा सच में बहुत खूबसूरत हिल स्टेशन है इस के बारे में बहुत कम लोग जानते है अगर आप कभी शिमला होते हुए Chitkul जाओगे तो नारकंडा आपके रास्ते में आता है काफी लोग बस यहां से सीधे निकल जाते है।
क्योकि उनको भी नहीं पता होता है की नारकंडा भी एक घूमने के लिए और समय व्यतीत करने के लिए बहुत खूबसूरत हिल स्टेशन है।
तो चलिए मैं आपको नारकंडा के बारे में सारी जानकारी बताता हूं और अपने वास्तविक अनुभव भी आप सभी के साथ साझा करता हूं।
नारकंडा क्यों प्रसिद्ध - Why Narkanda Famous ?
- स्कीइंग के लिए प्रसिद्ध है।
- कैंपिंग के लिए प्रसिद्ध है।
- भारत में सबसे पुराना स्कीइंग गंतव्य के लिए प्रसिद्ध है।
- हटु पीक के लिए प्रसिद्ध है। (Hatu Peak)
- शिवालिक रेंज के लिए प्रसिद्ध है।
नारकंडा जाने का सबसे अच्छा समय कोनसा है - Best Time to Visit Narkanda Himachal Pradesh in Hindi?
नारकंडा मुझे एक ऐसा हिल स्टेशन लगता है यहां आप किसी भी मौसम में आ सकते हो। यह हिल स्टेशन हर मौसम में आपको बहुत ही सुंदर अनुभव कराता है। मैरी बात करे तो मुझे नारकंडा जाने के दो मौसम बहुत पसंद है।
एक तो गर्मियों के समय मई से जुलाई तक और दूसरा सर्दियों का समय 25th दिसंबर से जनवरी तक यह दो समय मुझे बहुत पसंद है। नारकंडा जाने के लिए आप भी इन दोनों समय में से किसी भी समय यहां जा सकते हो।
नोट :- 25th दिसंबर से जनवरी तक आपको यहां पे बहुत बर्फ मिलेगी तो अगर आप सर्दियों के समय इस जगह पर आये तो अपनी पूरी तैयारी से आना सर्दियों के मोठे कपडे साथ में जरूर लाये।
नारकंडा का मौसम केसा रहता है - Narkanda Temperature?
नारकंडा का मौसम बारा महीने ही बहुत ठंडा रहता है यहां जून जुलाई के महीने में भी आपको यहां की ठंडी हवाएं बहुत शानदार अनुभव कराती है।
नारकंडा में आप किस मौसम में बर्फबारी देख सकते हैं - Narkanda Snowfall Timing?
नारकंडा में बर्फ गिरना 15 दिसंबर के बाद शुरू हो जाती है और 25 दिसंबर के बाद आपको नारकंडा एक पूरी सफ़ेद चादर में लिपटा हुआ मिलेगा मेरा मतलब है की नारकंडा बर्फ से पूरी तरह से ढक जाएगा। अगर आपको नारकंडा में बर्फ का मज़ा उठाना है तो आप 25 दिसंबर के बाद यहां आ सकते हो।
नारकंडा कहा पर है - Narkanda Location?
नारकंडा हिमाचल प्रदेश के Shimla जिले में स्थित है। शिमला से नारकंडा 65 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है, शिमला से नारकंडा पहुंचने में आपको 2 घंटे का समय लग सकता है।
दिल्ली से नारकंडा के रास्ते में कौन कौन सी जगह आएगी - The Route from Delhi to Narkanda?
Delhi से Narkanda जाते समय यह कुछ जगह आपके रस्ते में आएगी।
सबसे पहले आप जाएंगे :-
- दिल्ली से सोनीपत
- सोनीपत से पानीपत
- पानीपत से कर्नल
- कर्नल से कुरुक्षेत्र
- कुरुक्षेत्र से अम्बाला
- अम्बाला से सोलन
- सोलन से शिमला
- शिमला से होते हुए नारकंडा
नारकंडा कैसे पहुंचे - How to Reach Narkanda from Delhi?
नारकंडा पहुंचने के लिए आपको दिल्ली से शिमला जाना होगा दिल्ली से शिमला के लिए Ac बस चलती है। शिमला से नारकंडा आप वहां की लोकल बस से बहुत आसानी से पहुंच सकते हो।
क्या दिल्ली से नारकंडा एक बार में पहुंचा जा सकता है - Delhi To Narkanda in one go Possible ?
Delhi से Narkanda एक बार में बहुत आसानी से पहुंचा जा सकता है Delhi से Narkanda की दूरी 453 km है आप नारकंडा 12 घंटे में बहुत आसानी से पहुंच सकते हो अपनी खुद की गाड़ी से मैरी बात करें तो में दिल्ली से नारकंडा अपनी बाइक से गया था और मुझे 12 घंटे का समय लगा था। दिल्ली से नारकंडा पहुंचने के दो रास्ते है।
एक Shimla होते हुए आप नारकंडा पहुंच सकते हो और दूसरा आप चैल होते हुए भी नारकंडा पहुंच सकते हो सोलन से सीधे हाथ की तरफ रास्ता जाता है चैल की और यह रास्ता आपको पहाड़ो और जंगल का असली अनुभव कराएगा यहां के रोड की बात करे तो रोड एक दम मस्त बना हुआ आप बाइक या कार जिससे भी आप जाओगे आपको बहुत मज़ा आएगा।
नारकंडा में रहने के लिए सबसे अच्छा होटल - Best Hotel for a stay in Narkanda Hotels ?
Narkanda में रुकने लिए सबसे अच्छा होटल है होटल माउंट व्यू ( Hotel Mount View ) मै जब भी नारकंडा जाता हूँ मै खुद इस ही होटल में रुकता हु। इस होटल के सभी कमरों की बालकनी से शिवालिक रेंज और बर्फ से ढके हुए पहाड़ आपको साफ़ दिखाई देंगे और यह नज़ारा सच में बहुत शानदार होता है। और यह नज़ारा आपके दिल को यहां की ठंडी हवाओ की तरह ठंडक पहुँचा येगा ।
मुझे क्यों यह होटल बहुत अच्छा लगता है।
- यहां के कमरे बहुत अच्छे बने हुए है बिलकुल साफ़ सुत्रे।
- इस होटल का खाना बिलकुल घर जेसा है।
- इस होटल की बालकनी से शिवालिक रेंज के बर्फ के पहाड़ बिलकुल साफ़ दिखाई देते है।
- यहां सफाई का बहुत ध्यान रखा जाता है।
- यहां का स्टाफ भी बहुत अच्छा है।
- और यह होटल ज्यादा महंगा भी नहीं है।
मै आपके साथ होटल माउंट व्यू का नंबर शेयर कर रहा हु, आप अपने हिसाब से यहां बात कर सकते हो और इस होटल की पूरी जानकारी ले सकते हो।
नारकंडा में घूमने की जगहें - Places to visit in Narkanda?
1. हटु पीक ( Hatu Peak )
हटु पीक नारकंडा से 7.5 km की दुरी पर स्थित है नारकंडा से हटु पीक पहुँचने में आपको 30 मिनट का समय लग सकता है Hatu Peak पे ही आपको Hatu Mata Temple भी दिख जाएगा।
2. हटु माता मंदिर ( Hatu Mata Temple )
3.कचेरी ( Kacheri )
4.तन्नी जुब्बर झील ( Tanni Jubbar Lake )
5.महामाया मंदिर (Mahamaya Temple)
नारकंडा मै मैरी कैंपिंग की दिलचस्प कहानी - Narkanda Camping Interesting Story?
यह बात नवंबर 2019 की है, जब मै अपनी बाइक से स्पीति वैली (Spiti Valley) बाइक राइड कर रहा था वैसे तो में नारकंडा और Hatu Peak कही बार गया हूँ लेकिन जब में नवंबर 2019 स्पीति राइड कर रहा था। तब मेरा यह प्लान था की में जहां भी रुकूंगा होटल में ना रुक्के अपने कैंप में रुकूंगा तो मैने अपनी बाइक राइड की शुरुवाद दिल्ली से की थी।
और मैने अपना पहला कैंप चैल में किया और चैल से निकल के बाद में पहुंचा नारकंडा यहां पहुंचते ही मैने यहां के लोकल मार्किट से जरुरी सामान लिए कैंपिंग के लिए जैसे दूध मैगी कॉफ़ी और पानी के जैरी कैन यह सब सामान लेके में नारकंडा से Hatu Peak की तरह निकल गया सब में हटु पीक पहुंचा तब तक शाम के 5 बज चुके थे। और आपको मै एक बात बताना भूल गया की इस बाइक राइड पे मै और मेरा एक दोस्त भी था।
तो जैसे की में आपको बता रहा था की शाम के 5 बजे Hatu Peak पहुंचा जहां पे मुझे अपना कैंप लगाना था। अब हमारे पास ज्यादा से ज्यादा 2 घंटे थे। इन दो घंटो में हमको जंगल से पूरी रात के लिए लकड़ियां जमा करनी थी और कैंप लगाना था और आग भी जलानी थी अंधेरा होने से पहले यह सब काम हम दोनों कर ही रहे थे एक घंटे बाद मुझे पता चलता है की जंगल में लकड़ियां ढूंढ़ते हुए मैरी बाइक की चाबी घूम गयी और यह मेरे पास बाइक की एक ही चाबी थी।
और यह बहुत चिंता वाली बात थी क्योकि मेरी बाइक का हैंडल भी लॉक था। जैसे तैसे हमको यह चाबी मिली बहुत ढूंढ़ने के बाद और अब जंगल (Forest) में पूरी तरह से अंधेरा हो चूका था। अंधेरा होने के कुछ देर तक तो सब सही था लेकिन जैसे जैसे रात होती गयी जंगल का वातावरण भी बदलता चला गया। और जब में नारकंडा के लोकल मार्किट से अपना सामान खरीद रहा था।
उसके बाद में कुछ समय के लिए होटल माउंट व्यू (Hotel Mount View) गया था किसी काम से उन्होंने मेरे से पहुंचा की आप इस बार कमरा नहीं लोगे तो मेने कहा की इस बार मै हटु पीक जा रहा हु वही कैंप करूंगा रात को हम दोनों वही रुकेंगे।
यह बात सुनने में बाद सब हमारे ऊपर हसने लगे की आप मज़ाक मत करो लेकिन मैने कहा की यह सच है, में मज़ाक नहीं कर रहा हु इसके बाद मुझे सबने एक ही राय दी की आप हटु पे कैंप मत करो यह बहुत खतरनाक हो सकता है इसके पीछे भी एक कारण था वो की नवंबर के समय बहुत कम पर्यटक आते और हटु पीक पे तो जंगली जानवर भी ज्यादा रहते है इस समय ज्यादा तर भालू और जैगुआर का खतरा सबसे ज्यादा रहता है।
लेकिन हम हटु पीक के लिए निकल गए। जैसे की में आपको बता रहा था की जैसे-जैसे जंगल में रात होती गई जंगल का वातावरण बदलने लगा और हमने Delhi से Narkanda पहुंचे तक हमने किसी भी होटल में कमरा नहीं लिया था इस कारण हम दोनों ही बहुत ज्यादा थके हुए भी थे। लेकिन जंगल (Forest) इतना डरावना लग रहा था 10 बजे के बाद की बात में आपको शब्दों में नहीं बता सकता लेकिन हमने लकड़ियां इतनी सारी जमा करली थी।
यह लकड़ियां पूरी रात जलती रही 3 बजे तक मै जागता रहा की यह आग जलती रहे और जंगली जानवर हमारे कैंप के पास नाआपाए आपको यह सब पढ़ के इतना तो समज आही गया होगा की में उस समय कुछ डरा हुआ था। उसका भी कारण था चलो यह भी में आपको बता देता हु पहला कारण तो यह था की जिस जगह मैने कैंप किया था।
वो जगह जंगल (Forest) के बिलकुल बीचो बिच थी जिस जगह मेरा कैंप था वहां से मैन रोड तक पहुंचे में 40 मिनिट से ज्यादा का समय लगता है। इसलिए यहां तक किसी की भी मदत पहुँचना असंभव था और फारेस्ट डिपार्टमेंट इस जंगल में किसी को भी अकेले कैंप करने की अनुमति नहीं देता है।
क्योकि यह सच में बहुत खतरनाक जंगल (Forest) है। और दूसरा कारण यह था की जब में पहेली बार नारकंडा गया था तब मैने हटु पीक की कही सारी कहानियां सुनी थी यह कहानियां मुझे वहां के लोकल ने ही सुनाई थी जोकि बहुत ही दिलचस्प और डरावनी भी थी।
उस रात मेरी भगवान से बस यही प्रार्थना थी की इस रात की सुबह हो जाए और वो हो गई । यह रात मेरे लिए किसी भी खतरनाक एडवेंचर से कम नहीं थी। यह जो गलती मैने की थी वो आप कभी मत करना क्योकि सब की किस्मत एक जैसी नहीं होती।
नारकंडा से आगे आप और कौनसी जगहा जा सकते हो घूमने के लिए - Where to go next After Narkanda?
नारकंडा के बाद काफी सारी जगह जा सकते हो स्पीति वैली भी लोग नारकंडा होते हुए ही जाते है। नारकंडा से आगे जाना इस बात पर निर्भर करता है की आपके पास कितना समय है घूमने के लिए लेकिन फिर भी मै आपको कुछ जगहा बता देता हूँ की अगर आप नारकंडा से थोड़ा और आगे जाना चाहते हो तो कोनसी जगह आपके लिए सबसे अच्छी रहेगी।
नारकंडा से आप सांगला वैली देखते हुए आप चितकुल जा सकते हो इस जगहा के बारे में बहुत कम लोग जानते है यह भारत का आखरी गांव भी है। और यह जगहा सच में बहुत सुंदर है Narkanda से Chitkul की दुरी 183 km है यहां पहुंचने में आपको 6 से 7 घंटे का समय लग सकता है।
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