Mana Village Travel Blog in Hindiमाणा गांव हिंदुस्तान का अंतिम गांव – Mana Village The Last Village of IndiaPost last modified:June 5, 2021Post author:Ritvij soni Contents hide 1 माणा गांव के बारे में पूरी जानकारी - Information About Mana Village in Hindi 2 माणा गांव क्यों प्रसिद्ध - Why Mana Village Famous? 3 माणा गांव जाने का सबसे अच्छा समय कौनसा है - Best Time to Visit Mana Village in Hindi? 4 माणा गांव का मौसम कैसा रहता है - Mana Village weather? 5 Mana Village का तापमान कितना रहता है - Mana Village Temperature? 6 माणा गांव में खाना कहा खाएं - Where to Eat? 7 माणा गांव में घूमने की जगहें - Places to visit in Mana Village 8 1. नीलकंठ चोटी - Neelkanth Peak 9 2. तप्त कुंड - Tapt kund 10 3.वसुधारा - Vasudhara 11 4. सरस्वती नदी - Saraswati River 12 5 . माता मूर्ति मंदिर - Mata Murti Temple 13 माणा गांव कैसे पहुंचे - How to reach Mana Village? 14 माणा गांव के बाद आप और कहाँ घूमने जा सकते हो। माणा गांव के बारे में पूरी जानकारी - Information About Mana Village in Hindi Mana Village तिब्बत चीन की सीमा के पास भारत का अंतिम गांव है। यह चमोली जिले में स्थित है। इसे उत्तराखंड सरकार द्वारा “पर्यटन गांव” के रूप में निर्मित किया गया है। बद्रीनाथ के पास माणा गांव सबसे अच्छे पर्यटक आकर्षणों में से एक है, यह बद्रीनाथ शहर से सिर्फ 3 किलोमीटर की दूरी पर है और Kedarnath से माणा गांव 41 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह गांव सरस्वती नदी के तट पर बसा हुआ है। यह लगभग 3219 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।यह गांव हिमालय की खूबसूरत पहाड़ियों से घिरा हुआ है। Mana Village के बारे में पहले बहुत कम लोग जानते थे। लेकिन जबसे माणा गांव तक पहुँचने के लिए पक्की सड़क बानी है। तब से यह माणा गांव पर्यटकों के लिए एक शानदार आकर्षण का केंद्र बन गया है। माणा गांव कही सारी बातों के लिए भी प्रसिद्ध है। आपको Mana Village में सभी घर लकड़ी से बने हुए देखने को मिलेंगे। इस गांव की आबादी बहुत कम है आपको यहां केवल 60 से 70 घर देखने को ही मिलेंगे। इस गांव का नाता महाभारत से भी जुड़ा हुआ है। कहा जाता है की पांडव इसी गांव के रास्ते होते हुए स्वर्ग को गए थे।आपको Mana Village में हर चाय की दुकान के बाहर यह पढ़ने को जरूर मिल जाएगा की “हिंदुस्तान की अंतिम चाय की दुकान” इन दुकानों पे आपको साधारण चाय से लेकर, वन तुलसी चाय, और माणा की खास नमकीन गर्म चाय भी पीने को जायेगी। हर साल पर्यटक यहां हिंदुस्तान की अंतिम चाय का मज़ा उठाने और माणा गांव की सुन्दरता को निहारने के लिए लोग यहां दूर दूर से आते है।माणा गांव क्यों प्रसिद्ध - Why Mana Village Famous? Mana Village भारत के अंतिम गांव के लिए प्रसिद्ध है।माणा गांव महाभारत के इतिहास के लिए प्रसिद्ध है।Mana Village सरस्वती नदी के लिए प्रसिद्ध है।माणा गांव अपनी खास जड़ीबूटियों के लिए प्रसिद्ध है।Mana Village अपने प्रकृति के अनोखे नजारे के लिए प्रसिद्ध है।माणा कम भीड़ वाले गांव के लिए भी प्रसिद्ध है।Mana Village ट्रैकिंग के लिए प्रसिद्ध है।माणा गांव जाने का सबसे अच्छा समय कौनसा है - Best Time to Visit Mana Village in Hindi? Mana Village घूमने जाने के लिए सही समय है मई से सितंबर इस दौरान यहां हर साल बड़ी संख्या में टूरिस्ट आते हैं। क्योंकि इस समय बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के दर्शन भी खुलते है।माणा गांव का मौसम कैसा रहता है - Mana Village weather? Mana Village में मौसम 12 महीने ही ठंडा रहता है। Mana Village का तापमान कितना रहता है - Mana Village Temperature? Mana Village में मई के महीने में भी तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है और जून जुलाई में यह तापमान 6 से 7 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है। अक्टूबर नवंबर में रात के समय यह तापमान -5 से -10 डिग्री सेल्सियस तक भी चला जाता है।माणा गांव में खाना कहा खाएं - Where to Eat? Mana Village की यात्रा शुरू करने से पहले ही आप बद्रीनाथ में ही भोजन करले भोजन के लिए माणा गांव पे निर्भर ना रहें। हालांकि माणा में कुछ चाय और नाश्ते की दुकानें हैं, लेकिन गांव में भोजन की सुविधा पर निर्भर मत रहना। बद्रीनाथ में कई शाकाहारी रेस्टोरेंट हैं। यहां आपको स्वादिष्ट शाकाहारी थाली आसानी से मिल जायेगी। माणा गांव में आप चाय और नाश्ते का मज़ा उठा सकते हो।माणा गांव में घूमने की जगहें - Places to visit in Mana Village 1. नीलकंठ चोटी - Neelkanth Peak नीलकंठ चोटी समुद्र तल से 6597 फीट की ऊंचाई पर स्थित है , नीलकंठ चोटी माना गांव के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। यह चोटी ‘गढ़वाल की रानी’ के रूप में भी जानी जाती है।2. तप्त कुंड - Tapt kund तप्त कुंड एक ऐसा कुंड है जिसमे 12 महीने गरम पानी निकलता है। माना जाता है जो इस कुंड में स्नान करता है उसकी त्वचा से सम्बन्दित सभी परेशानी दूर हो जाती है।3.वसुधारा - Vasudhara वसुधारा झरना भीम पुल से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और बद्रीनाथ से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह झरना 400 फ़ीट की ऊंचाई से गिरता है और यह नज़ारा बहुत शानदार होता है, इसे आप बिलकुल भी मिस ना करें।4. सरस्वती नदी - Saraswati River सरस्वती नदी माणा गांव में शानदार पर्यटक आकर्षणों में से एक है।सरस्वती नदी का एक इतिहास है, जिसके बारे में आप सभी को पता होना चाहिेए।अगर आपको इस इतिहास के बारे पता होगा तो इस नदी को देखने का उत्साह और बढ़ जाएगा जानिए पूरी कहानी।जब आप माणा गांव से तोहड़ा ऊपर की और चलते हो तो आपको नज़र आती है, सबसे पहले व्यास गुफा और उसके बाद गणेश गुफा, यहां पर सरस्वती नदी पर एक भीम पुल बना हुआ है। और यह वो सरस्वती नदी है जो केवल यही तक दिखाई देती है। इसके आगे यह अदृश्य रूप में बेहति है। कहा जाता है यहां पे स्थित व्यास गुफा में ऋषि वेद व्यास जी ने महाभारत की रचना की थी।और यहां पास में ही गणेश गुफा भी है जिसमे बैठ कर गणेश भगवान ने यह सारे वेद पुराण और महाभारत लिखे थे। गणेश गुफा के बारे में कहा जाता है, की जब गणेश जी वेद लिख रहे थे। तब सरस्वती नदी काफी तेज़ गति से बह रहीं थी। और बहुत शोर कर रही थी। तब गणेश जी ने सरस्वती नदी से कहा की शोर थोड़ा कम करे मेरे कार्य में विघ्न पड़ रहा है।लेकिन सरस्वती जी ने उनकी बात को अनसुना कर दिया और इस बात से नाराज़ होकर गणेश जी ने श्राप दे दिया की इससे आगे आज के बाद तुम किसी को भी नहीं दिखाई दोगी तभी से सरस्वती नदी इसके आगे अदृश्य रूप में बेहति है। कहते है आज भी यह नदी भीम पुल के पास बहुत शोर करती है।भीम पुल के बारे में भी एक कहावत है। कहा जाता है जब पाँडव स्वर्ग जा रहे थे। तब उन्होंने सरस्वती नदी से आगे जाने का रास्ता माँगा लेकिन सरस्वती ने उनकी बात नहीं मानी और मार्ग नहीं दिया तो भीम ने दो बड़े पतरो को उठा कर उस के बीच में रख दिया और इस तरह से इस पुल का निर्माण हुआ, और कहते है इस पुल से होकर ही पाँडव स्वर्ग गए थे। इसलिए इस पुल का नाम भीम पुल रखा गया और यह पुल आज भी यहां पर मौजूद है और यह पुल अब एक पर्यटक स्थल के रूप में भी बहुत लोकप्रिय है।5 . माता मूर्ति मंदिर - Mata Murti Temple माता मूर्ति मंदिर भगवान नारायण की मां को समर्पित है। लोक कथाओं के अनुसार, माता मूर्ति ने भगवान विष्णु से अपने पुत्र के रूप में जन्म लेने का अनुरोध किया था। जिसके बाद भगवान विष्णु ने नर और नारायण के रूप में जन्म लेकर माता मूर्ति की इच्छा पूरी की थी। अगस्त के महीने में लगने वाले वार्षिक मेले के दौरान कई पर्यटक इस मंदिर में आते हैं।माणा गांव कैसे पहुंचे - How to reach Mana Village? सड़क मार्ग से (By Road) :माणा गांव पहुँचने के लिए आपको सबसे पहले हरिद्वार पहुंचना होगा हरिद्वार से आपको बद्रीनाथ के लिए बस मिल जायेगी हरिद्वार से बद्रीनाथ की दुरी 316 किलोमीटर की है। फिर बद्रीनाथ से माणा गांव की दुरी केवल 3 किलोमीटर की है, आप यहां लोकल जीप की मदद से आसानी से पहुँच सकते हो।रेल द्वारा ( By Train )माणा गांव पहुँचने के लिए हरिद्वार निकटतम रेलवे स्टेशन है यह स्टेशन प्रमुख भारतीय शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। हरिद्वार से आप बद्रीनाथ के लिए टैक्सी कर सकते हो यह टैक्सी आपको 10 से 12 घंटे में बद्रीनाथ पहुँचा देगी फिर आप एक दिन बद्रीनाथ में रुक कर अगले दिन माणा गांव जा सकते हो।हवाई मार्ग से (By Air )देहरादून में जॉली ग्रांट हवाई अड्डा माणा गांव पहुँचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा है। यहां से आप बद्रीनाथ के लिए टैक्सी कर माणा गांव पहुँच सकते हो।माणा गांव के बाद आप और कहाँ घूमने जा सकते हो। आप केदारनाथ जा सकते हो।औली जा सकते हो।फूलों की घाटी जा सकते हो।तुंगनाथ चंद्रशिला का ट्रेक कर सकते हो।नोट 🙂 अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया तो आप Travelbeautifulindia को Subcribe करें।इस पोस्ट को जरूर शेयर करें You Might Also Like आमेर किला जयपुर | Amer fort Jaipur Rajasthan in Hindi 2022 January 12, 2021 पहाड़ों की रानी मसूरी – Mussoorie Uttarakhand Travel Guide in Hindi May 8, 2021 नाग टिब्बा ट्रेक | Nag Tibba Trek Best Travel Guide Uttarakhand in Hindi June 2, 2021 चितकुल भारत का अंतिम गाँव | Chitkul Himachal Pradesh in Hindi March 19, 2021Leave a Reply Cancel replyCommentEnter your name or username to commentEnter your email address to commentEnter your website URL (optional) Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.